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SK BHARTI |
पहली बात तो ये जान लें कि ये आरक्षण नहीं बल्कि , वर्षों से छुआछूत के नाम पर उत्पीडित हुए लोगों को राजनितिक, सामाजिक आर्थिक समानता के लिए प्रतिनिधित्व था। ये बिल्कुल वैसे ही था जैसे आजकल बसों , ट्रेनों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित है।
उनको सीट का आरक्षण गरीबी के कारण नहीं बल्कि कमजोर वर्ग होने के कारण दिया गया है और यही प्रतिनिधित्व है तथा यही प्रतिनिधित्व वर्षों से शोषित समाज को छुआछूत के कारण दिया गया है।
उनको सीट का आरक्षण गरीबी के कारण नहीं बल्कि कमजोर वर्ग होने के कारण दिया गया है और यही प्रतिनिधित्व है तथा यही प्रतिनिधित्व वर्षों से शोषित समाज को छुआछूत के कारण दिया गया है।
अब कुछ चालाक लोग इसे आर्थिक क्रिमिलेयर से जोड़ रहें हैं, क्या क्रिमिलेयर वाले व्यक्ति के साथ जातिगत भेदभाव खत्म हो गया है...आप हम लोगों में से कई लोग क्रिमीलेयर में होंगे, वही बेहतर बता पायेंगे के क्या जातिवाद शोषण हिंसा खत्म हो गई है,
मुझे नहीं लगता के कुछ बदला है।
मुझे नहीं लगता के कुछ बदला है।
ऐसा लगता है के अब घृणा और बढ़ गई है, अब तो हमारे अच्छे घरों पहनावे को देख कर लोग किसी और तरीके से खुन्नस निकालने की कोशिश करते हैं, कयुं... कयुंकि कल तक जिन लोगों को ये पैरों की जूती के नीचे रखते थे वो अब सीना चौड़ा कर के घुमते हैं, फिर भी आपको लगता है के सब कुछ बदल गया है, सब एक दूसरे से रोटी बेटी का रिश्ता रखने लग गयें हैं तो क्रिमिलेयर का मैं भी समर्थन करुंगा।
पर अफसोस ऐसा हुआ नहीं है और आने वाले 20 सालों तक तो कम से कम जातिवाद खत्म होने वाला नही।
पर अफसोस ऐसा हुआ नहीं है और आने वाले 20 सालों तक तो कम से कम जातिवाद खत्म होने वाला नही।
हां ये जरूर हो सकता है के आज एससी एसटी में भी उच्च और नीच वर्ग बना कर नफरत पैदा कर दी जाये। ताकि सभी एक दूसरे का विरोध करें और आरक्षण प्रतिनिधित्व हटाने में आसानी हो।
लगे रहिए ऊँच-नीच की लेयर में, और बाद में इन्हीं का सहारा लेकर आरक्षण खत्म कर दिया जायेगा।।
बहुजनों एक हो जाओ नही तो वो दिन दूर नही जब फिर से गुलामी की जंजीरो में बंधने को मजबूर हो जाओगे...
लगे रहिए ऊँच-नीच की लेयर में, और बाद में इन्हीं का सहारा लेकर आरक्षण खत्म कर दिया जायेगा।।
बहुजनों एक हो जाओ नही तो वो दिन दूर नही जब फिर से गुलामी की जंजीरो में बंधने को मजबूर हो जाओगे...
जय भीम
santoshktn.blogspot.com by SK BHARTI
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