संयुक्त राष्ट्र संघ का संदेश है कि समाज को बांटने पर केंद्रित नफरत संबंधी बयानों और हिंसक संघर्षों के वर्तमान दौर में बुद्ध की शिक्षा करुणा और अहिंसा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बड़ी चुनौतियों से निबटने में मदद करती है। संयुक्त राष्ट्र संघ का मानना है कि भगवान बुद्ध की शिक्षा का प्रबल आधार 'विवेक" है जिससे अपने परिवार के साथ समाज को जोड़ने का सौभाग्य मिलता है यह सामूहिक जीवनपार्जन नीति है,।अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय चुनौतियों को निबटने में बुद्ध की शिक्षा जितनी प्राचीन काल में प्रासंगीक थी, आज भी उत-निहि प्रासंगिक है। बुद्ध कि शिक्षा सभी जीवों के लिए प्यार और करुणा का पाठ पढ़ाती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने अपने संदेश में आगे यह भी कहा है कि समस्याओं का समाधान "बौद्ध विवेक एक प्रबल स्त्रोत है" जो 'आंतरराष्ट्रीय वैशाख बुद्ध पूर्णिमा दिवस' है और यह दिवस सभी लोगों के प्रति करूणा अपनाने की याद दिलाता है जिसमें विभिन्न वर्गो में कट्टरता अस्वीकार करके सभी लोगों को समान रूप से गले लगाना शामिल है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में विशेष तौर पर बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है जिसमे...