महीने बीत जाते हैं ,
साल गुजर जाता है ,
वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर,
मैं तेरी राह देखती हूँ।
साल गुजर जाता है ,
वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर,
मैं तेरी राह देखती हूँ।
आँचल भीग जाता है,
मन खाली खाली रहता है। तू कभी नहीं आता ,
तेरा मनीआर्डर आता है।
मन खाली खाली रहता है। तू कभी नहीं आता ,
तेरा मनीआर्डर आता है।
इस बार पैसे न भेज ,
तू खुद आ जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
तू खुद आ जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
तेरे पापा थे जब तक ,
समय ठीक रहा कटते ,
खुली आँखों से चले गए ,
तुझे याद करते करते।
समय ठीक रहा कटते ,
खुली आँखों से चले गए ,
तुझे याद करते करते।
अंत तक तुझको हर दिन ,
बढ़िया बेटा कहते थे ,
तेरे साहबपन का ,
गुमान बहुत वो करते थे।
बढ़िया बेटा कहते थे ,
तेरे साहबपन का ,
गुमान बहुत वो करते थे।
मेरे ह्रदय में अपनी फोटो ,
आकर तू देख जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
आकर तू देख जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
अकाल के समय ,
जन्म तेरा हुआ था ,
तेरे दूध के लिए ,
हमने चाय पीना छोड़ा था।
जन्म तेरा हुआ था ,
तेरे दूध के लिए ,
हमने चाय पीना छोड़ा था।
वर्षों तक एक कपडे को ,
धो धो कर पहना हमने ,
पापा ने चिथड़े पहने ,
पर तुझे स्कूल भेजा हमने।
धो धो कर पहना हमने ,
पापा ने चिथड़े पहने ,
पर तुझे स्कूल भेजा हमने।
चाहे तो ये सारी बातें ,
आसानी से तू भूल जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
आसानी से तू भूल जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
घर के बर्तन मैं माँजूंगी ,
झाडू पोछा मैं करूंगी ,
खाना दोनों वक्त का ,
सबके लिए बना दूँगी।
झाडू पोछा मैं करूंगी ,
खाना दोनों वक्त का ,
सबके लिए बना दूँगी।
नाती नातिन की देखभाल ,
अच्छी तरह करूंगी मैं ,
घबरा मत, उनकी दादी हूँ ,
ऐंसा नहीं कहूँगी मैं।
अच्छी तरह करूंगी मैं ,
घबरा मत, उनकी दादी हूँ ,
ऐंसा नहीं कहूँगी मैं।
तेरे 🏡घर की नौकरानी ,
ही समझ मुझे ले जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
ही समझ मुझे ले जा ,
बेटा मुझे अपने साथ ,
अपने 🏡घर लेकर जा।
आँखें मेरी थक गईं ,
प्राण अधर में अटका है ,
तेरे बिना जीवन जीना ,
अब मुश्किल लगता है।
प्राण अधर में अटका है ,
तेरे बिना जीवन जीना ,
अब मुश्किल लगता है।
कैसे मैं तुझे भुला दूँ ,
तुझसे तो मैं माँ हुई ,
बता ऐ मेरे कुलभूषण ,
अनाथ मैं कैसे हुई ?
तुझसे तो मैं माँ हुई ,
बता ऐ मेरे कुलभूषण ,
अनाथ मैं कैसे हुई ?
अब आ जा तू
एक बार तो माँ कह जा ,
हो सके तो जाते जाते
वृद्धाश्रम गिराता जा।
एक बार तो माँ कह जा ,
हो सके तो जाते जाते
वृद्धाश्रम गिराता जा।
बेटा मुझे अपने साथ
अपने 🏡घर लेकर जा।।
अपने 🏡घर लेकर जा।।
👌जब बच्चा रोता है , तो पूरी बिल्डिंग को पता चलता है , 👌🏽
मगर साहब ,
जब माँ बाप रोते है तो बाजु वाले को भी पता नही चलता है,
ये जिंदगी की सच्चाई है..☝🏽👍👆 👌🏻
मगर साहब ,
जब माँ बाप रोते है तो बाजु वाले को भी पता नही चलता है,
ये जिंदगी की सच्चाई है..☝🏽👍👆 👌🏻