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Showing posts from April, 2017

"मानवता ही श्रेष्ठ धर्म हैं"

*आजकल शादी-ब्याह का मौसम जोरों पर चल रहा हैं ।* कहते हैं शादी का लड्डू ऐसा हैं जो खाये वो पछताए जो न खाये वो भी पछताए ।कुछ बुद्धिजीवी और विद्वान सलाह देते हैं कि लड्डू खाकर ही पछताना चाहिए । लेकिन मेरी सलाह हैं कि शादी के लड्डू को पछताने वाला कतई भी नही बनाये इतनी काबिलियत खुद में तैयार कर ले कि जीवन-सफर ख़ुशी-ख़ुशी व्यतीत हो ।नींद से सुबह जैसे ही मेरी आँखे खुली पड़ोस से मधुर संगीत आवाज़ आया गीत चल रहा था - बाबुल की दुआये लेती जा जा तुझको .....** मुझे ख्याल आया कि इतना पुराना गीत, वह भी रुला देने वाला, इतने सालों बाद ? अब फिल्मों में नए गीत क्यों नही बनते ? बनते भी हैं तो बहुत ही कम ?**क्या अब फिल्मों में व्यवस्थित शादियाँ नही दिखाई जाती ?**आधुनिक युग में युवां-युवतियां शायद अब प्रेम-विवाह ज्यादा पसन्द करती हैं इसलिए माता-पिता भी शार्टकट पसन्द करते हुए विवाह कर देते हैं । इसलिए बिदाई के गीत नही के बराबर बन रहे हैं ।* *अंत में ! मैं तो चाहता हूँ कि बिदाई गीत भी बने , प्रेम- विवाह ( अंतर्जातीय विवाह ) भी हो ! प्रेमी-युगल को मनपसन्द हमसफ़र भी मिले लेकिन माँ-बाप की इज़ाजत से ।**और हर म...

14 अप्रैल ज्ञान दिवस पर विशेष

14 अप्रैल ज्ञान  दिवस पर विशेष विश्वपुरूष बाबासाहेब डॉ. बी.आर. आंबेडकर जी के बारे में कुछ अनमोल रिश्ते Fact 1: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं और आखिरी संतान थे। Fact 2: डॉ. अंबेडकर के पूर्वज काफी समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी में एम्प्लोयेड थे और उनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में Mhow cantonment में तैनात थे। Fact 3: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का मूल या ओरिजिनल सरनेम अंबावडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव आंबेडकर, जो उन्हें बहुत मानते थे, ने स्कूल रिकार्ड्स में उनका नाम अंबावडेकर से आंबेडकर कर दिया। Fact 4: बाबासाहेब मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दो साल तक प्रिंसिपल पद पर कार्यरत रहे। Fact 5: बाबासाहेब डॉ. बी. आर आंबेडकर भारतीय संविधान की धारा 370, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देता है के खिलाफ थे। Fact 6: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विदेश जाकर अर्थशास्त्र डॉक्टरेट (PhD) की डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे। Fact 7: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अपने समय के सबसे जादा पढे-लिखे नेता और भारत के सबसे अधिक बुद्धिमान व्यक्ति थे। Fact 8: डॉ. आंबेडकर ही ए...

चलो इस दुनिया को हसीन बनाया जाय

चलो इस  दुनिया  को  कुछ  हसीन   बनाया जाय, किसी का दर्द बाँटकर होठों पे मुस्कान लाया जाय। कितनी  बर्बादी   है  खाने   की   इस   दुनिया   में, चलो  किसी  भूखे   को   भोजन   कराया   जाय। देखा  है  हमने   फ़टे-हाल   मेहनतकशों   को  भी, चलो  किसी की   चादर   में  पैब॔द   लगाया  जाय। हसीन   लगते   हैं   चाँद  और   सितारे   तो  बहुत, चलो इस  दुनिया  को भी कुछ हसीन बनाया जाय। बूँद-बूँद से ही भरता है घड़ा,ये करके दिखाया जाय, क्या होगा म॔दिरों में दान देकर,अस्पताल बनाया जाय। झुक  गई   है  जिनकी   कमर   बुढ़ापे  के  बोझ  से, चलो   उनके   साथ   दो   पल   ही   बिताया   जाय। ढहा  कर  नफ़रत  की  दीवारों  को   इस  दुनिया  से, चलो   इस  दुनिया  को   कुछ  हसीन  बनाया  जाय। Santoshktn.blogger.com By SK BHARTI

मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ

मेहनत से उठा हूँ, मेहनत का दर्द जानता हूँ, आसमाँ से ज्यादा जमीं की कद्र जानता हूँ। लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधिया, मैं मगरूर दरख्तों का हश्र जानता हूँ। छोटे से बडा बनना आसाँ नहीं होता, जिन्दगी में कितना जरुरी है सब्र जानता हूँ। मेहनत बढ़ी तो किस्मत भी बढ़ चली, छालों में छिपी लकीरों का असर जानता हूँ। बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ, आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ!! काफी कुछ पाया पर अपना कुछ नहीं माना, क्योंकि एक दिन मिट्टी में मिलना है ये जानता हूँ। Santoshktn.blogger.com By SK BHARTI

शरीर के रोंगटे खड़े कर देने वाली कविता "माँ की इच्छा"

     महीने बीत जाते हैं ,      साल गुजर जाता है ,      वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर,      मैं तेरी राह देखती हूँ।      आँचल भीग जाता है,      मन खाली खाली रहता है।                                     तू कभी नहीं आता ,    तेरा मनीआर्डर आता है।      इस बार पैसे न भेज ,       तू खुद आ जा ,      बेटा मुझे अपने साथ ,      अपने 🏡घर लेकर जा।   तेरे पापा थे जब तक ,   समय ठीक रहा कटते ,   खुली आँखों से चले गए ,   तुझे याद करते करते।                अंत तक तुझको हर दिन ,                बढ़िया बेटा कहते थे ,   ...

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