बाबा साहब ने कहा था कि,
" ऐ मेरे पढे लिखे लोगों जो कारवाँ तुम आज यहाँ देख रहे हो इसे मैं बडी त्याग, तपस्या,
बलिदान के साथ यहाँ तक लाया हूँ।"
मैनें अपने चार बेटे खोये।
मैनें अपनी पत्नी खोयी।
मैनें अपना भाई परिवार खोया ।
मैनें अपना घर खोया।
मैनें अपने दोस्त रिस्तेदार खोये।
मैनें अपनी भूख, प्यास,स्वास्थ भी खोया।
मैनें अपनी नींद,ऐसोआराम खोया।
मैनें अपने आप को खोया
तब जाकर ऐ कारवाँ हासिल किया है
मैं अपने पढे लिखे लोगों से
बस तीन बाते कहना चाहता हूँ ?
☝�पहली बात :--
" अगर तुम इस कारवाँ को आगे बढा सको तो बढ़ाना, अगर नहीं बढा पाये
तो किसी भी हाल में पिछे मत जाने देना।"
☝�दूसरी बात :--
" ऐ मेरे पढे लिखे लोगों जब पढ लिख लेना, कुछ बन जाना तो
कुछ बुध्दी, पैसा, ज्ञान, हुनर, समय इस समाज को दे देना
जिस समाज से तुम आये हो।"
☝�तीसरी बात :--
" यदि तुम इस जाति व्यवस्था, पुरानी रीतियों,रुढियों परम्पराओं तथा अंधविश्वास को खत्म न कर पाना तो अपनी जाति को और अपने आप को इतना महान बनाना की सभी जाति तुम्हारी जाति
से नीचे हो जाये और सभी को तुम्हारी जाति पर गर्व हो।"
इस मैसेज को आगे भी शेयर
करते रहें ताकि बाबा साहब की ये तीन बाते सभी को पता चल सके ओर यह बात का अनुशासन कर शके
आप सभी साथियों मेरा सादर
👏�जय भीम जय भारत👏
एस. कुमार
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