Skip to main content

तिरंगा: ‘राष्ट्रीय ध्वज’ से जुड़े 24 ग़ज़ब रोचक तथ्य


Facts about Indian Flag in Hindi – 
तिरंगा: राष्ट्रीय ध्वज के बारे में रोचक तथ्य
क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। आइए पढ़ते हैं, तिरंगे की कहानी ग़ज़बहिन्दी की जुबानी…
(Santoshktn.blogspot.com By Sk bharti)
1. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।
2. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।
3. संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।
4. किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
5. राँची का 'पहाड़ी मंदिर' भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।
6. क्या आप जानते हैं कि देश में 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।
7. यदि कोई शख्स 'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
8. तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।
9. तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
10. सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।
11. झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।
12. किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।
13. किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।
14. झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।
15. भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित 'हुबली' एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।
16. किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
17. 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।
18. लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।
19. तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।
20. पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।
21. राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।
22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।
23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।
24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ?
देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।

Contact us

Name

Email *

Message *

Like us on Facebook

Popular posts from this blog

बाल मनोविज्ञान(UPTET& CTET)

बाल मनोविज्ञान(UPTET& CTET) 🔹"तुम मुझे एक बालक दे दो मै उसे ऐसा बनाऊँगा जैसा तुम चाहते हो" ये कथन किसका है- *जे.बी.वाटसन का* 🔹किशोरावस्था को तुफानी अवस्था किसने कहा है- *स्टेनलेहाल ने* 🔹किशोरावस्था, शैशवावस्था की पुनरावृत्ति है, किसका कथन है- *रॉस का* 🔹गेस्टाल्टवाद के संस्थापक कौन है- *वार्दीमर* 🔹दूध के दांतों की कितनी संख्या होती है- *20* 🔹उत्तरप्रदेश बेसिक शिक्षा परियोजना कब से प्रभावी है- *5 अक्टूवर 1981 से* 🔹मनुष्य को जो कुछ भी बनना होता है, वह 4- 5 वर्षो में बन जाता है, किसने कहा है— *फ़्रायड* 🔹जीवन के प्रथम 2 वर्षों में बालक अपने भावी जीवन का शिलान्यास करता है — *स्टैंग* 🔹किस अवस्था को मानव जीवन का स्वर्णिम समय कहा गया है- *बाल्यावस्था को* 🔹बाल्यावस्था जीवन का अनोखा काल है, किसका कथन है - *कोल एड बुस का* 🔹बालक के हाथ-पैर और नेत्र उसके प्रारम्भिक शिक्षक होते है " कथन है? *रुसो का* 🔹" बीसवी सदी को 'बालक की शताब्दी " किसने कहा है-  *क्रो एवं क्रो ने* 🔸सीखने का अनोखाकाल- *शैशवावस्था को* 🔸जीवन का अनोखाकाल- *बाल्...

"मानवता ही श्रेष्ठ धर्म हैं"

*आजकल शादी-ब्याह का मौसम जोरों पर चल रहा हैं ।* कहते हैं शादी का लड्डू ऐसा हैं जो खाये वो पछताए जो न खाये वो भी पछताए ।कुछ बुद्धिजीवी और विद्वान सलाह देते हैं कि लड्डू खाकर ही पछताना चाहिए । लेकिन मेरी सलाह हैं कि शादी के लड्डू को पछताने वाला कतई भी नही बनाये इतनी काबिलियत खुद में तैयार कर ले कि जीवन-सफर ख़ुशी-ख़ुशी व्यतीत हो ।नींद से सुबह जैसे ही मेरी आँखे खुली पड़ोस से मधुर संगीत आवाज़ आया गीत चल रहा था - बाबुल की दुआये लेती जा जा तुझको .....** मुझे ख्याल आया कि इतना पुराना गीत, वह भी रुला देने वाला, इतने सालों बाद ? अब फिल्मों में नए गीत क्यों नही बनते ? बनते भी हैं तो बहुत ही कम ?**क्या अब फिल्मों में व्यवस्थित शादियाँ नही दिखाई जाती ?**आधुनिक युग में युवां-युवतियां शायद अब प्रेम-विवाह ज्यादा पसन्द करती हैं इसलिए माता-पिता भी शार्टकट पसन्द करते हुए विवाह कर देते हैं । इसलिए बिदाई के गीत नही के बराबर बन रहे हैं ।* *अंत में ! मैं तो चाहता हूँ कि बिदाई गीत भी बने , प्रेम- विवाह ( अंतर्जातीय विवाह ) भी हो ! प्रेमी-युगल को मनपसन्द हमसफ़र भी मिले लेकिन माँ-बाप की इज़ाजत से ।**और हर म...

भारत की घटिया राजनीति by SK BHARTI

क्या भारत जैसी घटिया राजनीति और किसी देश मे भी होती होगी ;क्योंकि इसी घटिया राजनीति के चलते भारत आज भी विकासशील देशो की लाइन मे खड़ा है? ????  भारत मे धर्म ,जाति और स्थानीयता के आधार पर राजनीति किया जाता है। तथा इसी कारण देशभर के युवाओं को बेरोजगारी का सामना  करना पड़ रहा है। (santoshktn.blogspot.com by SK BHARTI) भारत की राजनीति बहुत घटिया है, यहाँ के नेता सिर्फ अपने बारे मे सोचते है ,अगर आज अपने बारे मे ना सोचे होते तो शायद पाकिस्तान नक्शे मे ना होता । भारत 50 साल से एक अँगुल भर के देश से ना जूझता  ,हर बार सैनिक और बेचारी निर्दोष जनता ना मारी जाती ।अपने देश मे पाकिस्तान के नारे ना लगते  ,चीन  10 किलोमीटर अंदर नही आ जाता ,यही बात सिद्ध करता है कि भारत के नेता सिर्फ भौकते है ,भारत की जनता सोती है ,"राजनीति के नाम पे सिर्फ धर्म के ठेकेदार जो आपस मे तु तु मै मै करते है अगर इतना देश के लिए लड़े तो कुछ देश सुधर सकता है " भारतीय नेताओं आपकी राजनीति सब से घटिया है ।   राजनीति में सक्रिय लोगों तमाम नेताओं पर हम नजर डालें तो हमें यह देखकर दु:ख होगा कि ,...