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Life is like a dream.........

(santoshktn.blogspot.com by SK BHARTI)

       Zindgi ki haqeeqat

 Hume ‘zindgi’ ki sachai tab pata chali Jab raste me pade ‘phulo’ ne Muje
                          kahah
Dusro ko Khushbu dene wale Aksar
         isi tarah kuchal diye jate h.....



   Swatantra Zindagi Jeena

Ek naye saal ke shuruwaat mein, main sabhi jagah ke Antim-dinon ke Santon ko vyaktigat rup se bira ko uthaane ke liye chunaoti deta hoon, parishrami, mahatav talaash jisse main swatranta ki zindagi kahata hoon-ek zindagi jo bahutaayat ke safalta, achchaai, aur ashirvaadon se bhari ho. Usi tarah se jaise humne mul gyaan ko paathshaala mein sikhe the, main apne banaaye huwe mul siddhaant ko pesh karta hoon taaki hum sab ko madad mile swatantra ki zindagi ko paane ke liye.

  Sidha Vichaar Bhaao ko Rakhe

 Pehla mul hai vichaar bhaao. William James, jo American psychologist aur philosopher ke aguwa the, ne likha, “Hamare peedi ka sabse badha kraanti ka khoj hai ki maanav, apne man ke andar ke vichaar bhaao ko badalne se, apne zindagiyon ke baahar ke swarup ko bhi badal sakte hai.” 1 Bahut kuch hamare zindagi mein vichaar bhaao par nirbhar hai. Hum kis tarah se chunte hai cheezon ko dekhne aur dusron ko jawaab dene mein yahi sabhi cheezon par prabhaao daalta hai. Agar hum puri koshish karein aur phir hum apne paristhiti par khush hone ka chunaao karte hain, chaahe koi bhi parasthiti ho, hamein shaanti aur prasanta mil sakti hai. 

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