Skip to main content

Posts

Showing posts from January, 2017

इंसानियत...

*मस्जिद पे गिरता है* *मंदिर पे भी बरसता है..* *ए बादल बता तेरा मजहब कौनसा है........।।* *इमाम की तू प्यास बुझाए* *पुजारी की भी तृष्णा मिटाए*.. *ए पानी बता तेरा मजहब कोन सा है.... ।।* *मज़ारो की शान बढाता है* *मुर्तीयों को भी सजाता है..* *ए फूल बता तेरा मजहब कौनसा है........।।* *सारे जहाँ को रोशन करता है* *सृष्टी को उजाला देता है..* *ए सुरज बता तेरा मजहब कौनसा है.........।।* *मुस्लिम तूझ पे कब्र बनाता है* *हिंदू आखिर तूझ में ही विलीन होता है..* *ए मिट्टी बता तेरा मजहब कौनसा है......।।* *ऐ दोस्त मजहब से दूर हटकर, इंसान बनो* *क्योंकि "इंसानियत" का कोई मजहब नहीं होता... ।।* *नमो बुद्धाय* *जय भीम* sntshbhartiya@gmail.com

एक कड़वा सच...

वो रस्सी आज भी  संग्रहालय में है जिससे गांधीजी बकरी बांधा करते थे, किन्तु वो रस्सी कहां है जिस पे भगत सिंह ,सुखदेव और राजगुरु हँसते हुए झूल गए थे। " हालात-ए-मुल्क देख के रोया न गया... कोशिश तो की पर मुंह ढक के सोया न गया" देश मेरा क्या बाजार हो गया है ... पकड़ता हु तिरंगा  तो लोग पूछते है कितने का है... जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खाई थी.... क्यों झूठ बोलते हो साहब, कि चरखे से आजादी आई थी...                      "जय भीम नमो बुद्धाय"

हमारी अधूरी आजादी...

SK BHARTI भारत को स्वतंत्र हुए 69 साल बीत गए. कितने जोश और जुनून के साथ हर साल आज़ादी का जश्न मनाया जाता है, पर खुद की आज़ादी का जश्न कब मना पाएंगे देशवासी, आज भी एक बड़ा सवाल हमारे सामने है कि क्या सच में हम आज़ाद हैं? हमारा देश तो विदेशी हुकूमत से आज़ाद हो गया पर हमारे देश के लोगों की सोच अभी तक आज़ाद नहीं हो सकी है। अगर हमें बताया जाए कि 70 साल के स्व-शासन के बाद भी अमीर-गरीब के बीच बढ़ती असमानता में हम दुनिया के 188 देशों में 150वें नंबर पर हैं और यह खाई लगातार बढ़ती जा रही है, गलती किसकी है? हम हर पांच साल में सरकार चुनते हैं, लेकिन अपनी समस्याएं नहीं समझ पाते। ( Santoshktn.blogspot.com by SK BHARTI) अभी तक महफूज़ है एक धुंधली सी परिभाषा गणतंत्र यानी एक ऐसी व्यवस्था जहाँ सर्वोपरि होती है जनता जहाँ सारे फ़ैसले लेती है जनता और उनको लागू भी करती है जनता बचपन की दहलीज़ लांघते ही दुनियादार लोगों ने बताई एक नयी परिभाषा चूँकि जनता है अभी तक नादान नहीं आता उसको राजकाज चलाने का काम इसलिये फ़ैसले लेते हैं।जनता के नुमाइंदे जनता के नाम और वो उनको लागू करते हैं। जनता के नामवक़्त ...

तिरंगा: ‘राष्ट्रीय ध्वज’ से जुड़े 24 ग़ज़ब रोचक तथ्य

Facts about Indian Flag in Hindi –  तिरंगा: राष्ट्रीय ध्वज के बारे में रोचक तथ्य क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। आइए पढ़ते हैं, तिरंगे की कहानी ग़ज़बहिन्दी की जुबानी… ( Santoshktn.blogspot.com By Sk bharti) 1. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा। 2. भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा। 3. संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं। 4. किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए। 5. राँची का 'पहाड़ी मंदिर' भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं ज...

तीन बातें...

बाबा  साहब ने कहा था कि, " ऐ मेरे पढे लिखे लोगों जो कारवाँ तुम आज यहाँ देख रहे हो इसे मैं बडी त्याग, तपस्या, बलिदान के साथ यहाँ तक लाया हूँ।" मैनें अपने चार बेटे खोये। मैनें अपनी पत्नी खोयी। मैनें अपना भाई परिवार खोया । मैनें अपना घर खोया। मैनें अपने दोस्त रिस्तेदार खोये। मैनें अपनी भूख, प्यास,स्वास्थ भी खोया। मैनें अपनी नींद,ऐसोआराम खोया। मैनें अपने आप को खोया तब जाकर ऐ कारवाँ हासिल  किया है मैं अपने पढे लिखे लोगों से बस तीन बाते कहना चाहता हूँ ? ☝�पहली बात :-- " अगर तुम इस कारवाँ को आगे बढा सको तो बढ़ाना, अगर नहीं बढा पाये तो किसी भी हाल में पिछे मत जाने देना।" ☝�दूसरी बात :-- " ऐ मेरे पढे लिखे लोगों जब पढ लिख लेना, कुछ बन जाना तो कुछ बुध्दी, पैसा, ज्ञान, हुनर, समय इस समाज को दे देना जिस समाज से तुम आये हो।" ☝�तीसरी बात :-- " यदि तुम इस जाति व्यवस्था, पुरानी रीतियों,रुढियों परम्पराओं तथा अंधविश्वास को खत्म न कर पाना तो अपनी जाति को और अपने आप को इतना महान बनाना की सभी जाति  तुम्हारी जा...

आरक्षण विरोधियों को लिखित जबाव:

"करता हूँ अनुरोध आज मेैं, भारत की सरकार से ! प्रतिभाओं को मत काटो, आरक्षण की तलवार से !!" यहाँ से उत्तर काव्य में है :--- (santoshktn.blogspot.com By SK Bharti) ================= एकलव्य जब-जब पढ़ा स्वयं के सुधार से, कई द्रोणों ने काटे अंगूठे, आरक्षण की तलवार से, एकलव्य जब बिना द्रोण के, योग्य धनुर्धर यार हुआ, तब सोचो, द्रोण ने अर्जुन को फिर क्यों आरक्षण दिया ? सूत पुत्र कह के परशुराम ने कर्ण को जब ठुकराया था, क्या याद तुझे है, अज्ञानी, क्या कर्ण ने नहीं बताया था ? क्या प्रतिभा नहीं थी कर्ण के अंदर ? न ही जन्म से, सूत का जाया था ? फिर क्यों पापी, जातिवादी ने कर्ण को नहीं सिखाया था? जब आरक्षण की बात चली तो - शंकराचार्य का पद आरक्षित मुक्त करो ? जितने आलय हैं "पूरे देश में, आरक्षण से मुक्त करो ?" चाहे शिवालय, या देवालय, या मदिरालय, या विश्वविद्यालय, बिना आरक्षण नियुक्त करो, जब बात चली है आरक्षण की, तो धन, धरती को शून्य करो, जितनी जिसकी संख्या है, उसको उतना नियुक्त करो, और सारी धरती को, आरक्षण से मुक्त करो ? चाहे ज़िन्दा या हो मुर्दा, ...

माँ को समर्पित चंद लाइनें...

एक गाँव में 10, साल का लड़का अपनी माँ के साथ रहता था। ( Santoshktn.blogspot.com By S K Bharti ) माँ ने सोचा कल मेरा बेटा मेले में जाएगा, उसके पास 10 रुपए तो हो, ये सोचकर माँ ने खेतो में काम करके शाम तक पैसे ले आई। बेटा स्कूल से आकर बोला खाना खाकर जल्दी सो जाता हूँ, कल मेले में जाना है। सुबह माँ से बोला - मैं नहाने जाता हूँ,नाश्ता तैयार रखना, माँ ने रोटी बनाई, दूध अभी चूल्हे पर था..! माँ ने देखा बरतन पकडने के लिए कुछ नहीं है, उसने गर्म पतीला हाथ से उठा लिया, माँ का हाथ जल गया। बेटे ने गर्दन झुकाकर दूध रोटी खाई और मेले में चला गया। शाम को घर आया,तो माँ ने पूछा - मेले में क्या देखा,10 रुपए का कुछ खाया कि नहीं..!! बेटा बोला - माँ आँखें बंद कर,तेरे लिए कुछ लाया हूँ। माँ ने आँखें बंद की,तो बेटे ने उसके हाथ में गर्म बरतन उठाने के लिए लाई सांडसी रख दी। अब माँ तेरे हाथ नहीं जलेंगे। माँ की आँखों से आँसू बहने लगे। दोस्तों, माँ के चरणों मे स्वर्ग है, कभी उसे दुखी मत करो..! सब कुछ मिल जाता है, पर ...

कुछ बुद्धिमान बोलते है आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया..आइये जानते हैं

S.K. BHARTI यदि आप मानते हो की आरक्षण की वजह से ही देश बर्बाद हुआ है, तो फिर यह पोस्ट सिर्फ आपके लिए ही है....जरूर पढ़ें " लश्कर भी तुम्हारा है , सरदार भी तुम्हारा है। तुम झूठ को सच लिख दो अखबार भी तुम्हारा है। तुम जो कहो वो सच, हम जो कहें वो झूठ मुल्क में नफरत का ऐसा तूफान मचा ड़ाला है।" कुछ बुद्धिमान बोलते है कि आरक्षण ने देश को बर्बाद कर दिया" 1. अब आप बताइये कि देश आजाद होने के बाद 14 व्यक्ति देश के राष्ट्रपति बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने.... 2. 15 प्रधानमन्त्री बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने... 3. 43 उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश बने कितने आरक्षण वाले बने... 4. 19 मुख्य चुनाव आयुक्त बने उनमे से कितने आरक्षण वाले बने... 5. देश के जो बड़े घोटाले हुए उनमे कितने दलित घोटालेबाज हैं, बताएं ज़रा... 6. आप बताइये भारत देश में कितने दलित लोग ऐसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के व्यवसायी हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं ?( Santoshktn.blogspot.com  By Sk bharti) 7. अब आप बताइये देश को बर्बाद कौन कर रहा है....अगर सम्भावित ब्लैकमनी...

आरक्षण- आरक्षण-आरक्षण

*आरक्षण- आरक्षण-आरक्षण- नहीं!* *ये रियल रिप्रेझेंटेटिव्ह है।* *संख्याके अनुपात पे मिलनेवाला संविधानिक हक्क अधिकार है।* ( Santoshktn.blogspot.com by sk BHARTI)             *एक बार समय निकाल कर जरूर पढ़ें।* :::::::;:::::::::::;:::::::::::::::::                जो भी व्यक्ति *आरक्षण को खत्म* करने के लिए सोच रहे हैं वे लोग इस तर्क पर गौर अवश्य करें कि *आखिर क्या है आरक्षण ?* और यह खत्म कब होना चाहिए?                                                 *तर्क----* 1. *एक माँ अपने छोटे से बच्चे को दूध पिला रही थी* तभी उसके बड़े बच्चे की नजर पड़ गई जिसकी उम्र करीब पांच साल की रही होगी। *दूध पीते देख उसकी भी इच्छा जाग गयी कि माँ का दूध मुझे भी पिना चाहिए क्योंकि माँ सबके लिये बराबर होती है। वह माँ से बोला कि मुझे भी दूध पिलाओ हमारा भी हक बराबर का है* *माँ बोली - नही ।* *लडका बोला*- तो फिर *इसे भी दूध पिलाना बन्द करो।* तब *माँ बोली* - बेटा तुम इसी दूध को पीकर बड़े हो गए हो और हाँ *मैं इसे तब तक दुध पिलाती रहूँगी जब तक तुम्हारे बराबर न हो जाए l* *लड़का बोला - ये कब हमारे बराबर...

Contact us

Name

Email *

Message *

Like us on Facebook