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Showing posts from December, 2017

बाबा साहब डॉ.भीमराव अम्बेडकर और बौद्ध धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

प्र.1- विश्व का सबसे वैज्ञानिक, तार्किक  धर्म कौन सा है  ? उ.- बौद्ध धर्म प्र.2- बौद्ध धर्म की शुरुआत किसने की  ? उ.- तथागत बुद्ध ने प्र.3- तथागत बुद्ध के माता-पिता का नाम क्या था  ? उ.- महामाया और शुद्धोधन प्र.4- तथागत बुद्ध के बचपन का नाम क्या था  ? उ.- सिद्धार्थ प्र.5. सिद्धार्थ किस राज्य के राजकुमार थे  ? उ.- कपिलवस्तु प्र.6. सिद्धार्थ किस वंश से संबंधित थे  ? उ.- शाक्य वंश प्र.7- तथागत बुद्ध का जन्म कब हुआ था  ? उ.- 563 ई.पू. प्र.8- राजकुमार सिद्धार्थ का विवाह किससे हुआ  ? उ.-यशोधरा से प्र.9- सिद्धार्थ-यशोधरा के पुत्र का नाम क्या था  ? उ.- राहुल प्र.10- सिद्धार्थ द्वारा गृहत्याग का मूल कारण क्या था  ? उ.- शाक्य-कोलिय वंश के बीच युद्ध को टालना प्र.11- सिद्धार्थ द्वारा गृह त्याग के समय आयु कितनी थी  ? उ.- 29 वर्ष प्र.12. सिद्धार्थ को राज्य सीमा से बाहर छोड़कर आने वाला नौकर का नाम क्या था  ? उ.- छन्न प्र.13. गृह त्याग के बाद सिद्धार्थ ने क्या निश्चय किया  ? उ.- ज्ञान प्राप्ति का प्र.14- सिद्धार्थ ने ब्राह्मण सन्यासियों का साथ क्यों ...

सभी ओबीसी भाई ध्यान दें और समझें और जरूर सभी पढ़ें

सभी ओबीसी भाई ध्यान दें और समझें और जरूर सभी पढ़ें जो ओबीसी, एससी, एसटी का बहुजन समाज के लोग इस घमंड मे जी रहे हैं कि हमारी आबादी ज्यादा है, और इसे कोई नही मिटा सकता। मैं उन्हें ये कहना चाहूँगा की सिर्फ दो मिनट का समय निकाल कर मेरे इस पोस्ट को पढ़ें, और इसको अपनी आम ज़िन्दगी में अमल करें। आखिर न्यायालय से ओबीसी क्यों मिट गया ? "संविधान " जो बाबा साहब अंबेडकर ने अपने बहुजनो के लिए बनाया आज उसकी हिफाजत के लिए आज वहाँ एक भी"बहुजन" नहीं बचा l "आरक्षण " जिसका विवरण संविधान में है, जहां पर राज बहुजन समाज का होना चाहिए आज उन जगहो को प्राइवेट कंपनियो को बेचा जा चुका है, और वहाँ आज एक भी बहुजन नहीं बचा l "सचिवालय " जहां डा लोहिया ने ओबीसी, एससी, एसटी के हकदारी के लिए जी जान लगा दी आज वॅहा एक भी सचिव"ओबीसी, एससी, एसटी" नही है। "खेती मे " में 40 साल पहले तक 90% लोग करना चाहते थे, आज सिर्फ 10% बचे हैं l क्यों कि खेती पर निर्भर रहने वाली बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग था!! "मिडिया जगत " में जातिवाद का हालत यह है कि ओबीसी- एससी- एसटी क...

6 दिसम्बर एक दर्द भरी कहानी

बाबासाहब के अनुयाई हो तो इस पोस्ट को जरुर पढ़े ।?आँसु जरूर बह जायेगा!!! 6 दिसम्बर 1956 बाबासाहब भीमराव अंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस ।। जय भीम जयभीम जयभीम राजधानी दिल्ली रात के 12 बजे थे! रात का सन्नाटा और अचानक दिल्ली, मुम्बई, नागपुर मे चारो और फोन की घंटीया बज उठी! राजभवन मौन था, संसद मौन थी, राष्ट्रपती भवन मौन था, हर कोई कस्म कस्म मे था! शायद कोई बडा हादसा हुआ था, या किसी बड़े हादसे या आपदा से कम नही था!!! कोई अचानक हमें छोडकर चला गया था! जिसके जाने से करोडो लोग दुःख भरे आँसुओं से विलाप कर रहे थे, देखते ही देखते मुम्बई की सारे सड़के भीड से भर गयी पैर रखने की भी जगह नही बची थी मुम्बई की सड़को पर क्योंकि पार्थिव शरीर मुम्बई लाया जाना था! और अंतिम संस्कार भी मुम्बई मे ही होना था!!! नागपुर, कानपुर, दिल्ली, चेन्नाई, मद्रास, बेंगलौर, पुणे, नाशीक और पुरे देश से मुम्बई आने वाली रैलगाडीयो और बसो मे बैठने को जगह नही थी! सब जल्द से जल्द मुम्बई पहोंचना चाहते थे और देखते ही देखते अरब सागर वाली मुम्बई जनसागर से भर गयी!!! कौन था ये शख्स??? जिसके अंतिम दर्शन की लालसा  मे जन...

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